Sunday, December 21, 2014

हवाई अड्डों को घूरते लाल बुझक्कड़

हवाई अड्डों को घूरते लाल बुझक्कड़



बचपन की किस्से कहानियों से निकलकर लाल बुझक्कड़ आजकल सर्वत्र फैल गए हैं।

कभी वे लोग शादी से पहले डॉक्टरी सर्टिफिकेट को अनिवार्य बना देते हैं, कभी 100/- प्रति माह वाले केबल को जनता के लाभ के लिये 3000/- की सेट टॉप बॉक्स के साथ 875/- प्रतिमाह भुगतान करने का हुकुम सुना देते हैं। सुना है अब वे दिल्ली के हवाई अड्डों को सुधारने के पुण्य काम में लग चुके हैं।

अखबार में खबर थी कि लोग हवाई जहाज़ से यात्रा करते हैं उनके परिचित और परिवार के लोग उन्हें छोड़ने और लेने के लिये हवाई अड्डों पर आते हैं जिससे वहाँ भीड़ हो जाती है। तो ये हाकिम लोग इस भीड़ को इकट्ठे नहीं होने देना चाहते। इसलिये ये ऐसा कुछ करना चाहते हैं लोगबाग हवाई अड्डों पर भीड़ ना करें। सुना है कि ऐसा कोई हुकम आने वाला है कि जो भी वहाँ पाँच मिनट से ज्यादा रुकेगा उससे बहुत भारी भरकम पैसा वसूला जाएगा – सैकड़ों रुपये प्रति पाँच मिनट के हिसाब से।

जिस मंत्री ने, जिस समूह ने, इंजिनियर ने, प्रशासनिक अधिकारी ने इस 6,300 वर्ग एकड़ भूमि पर नक्शे खिंचवाए होंगे उसके दिमाग में क्या भविष्य का कोई अँदाजा नहीं था। क्या उसे नहीं सूझा था कि यात्री आएँगे तो उन्हें लेने और छोड़ने वाले भी आएँगे और वे अपने वाहनों में आएँगे? यदि उसे ऐसा अँदाजा नहीं था तो उसकी गलती का खमियाजा अब आने वाली पीढ़ियाँ क्यों भुगतें?

आप यात्रा किराए में फ्यूल खर्च के ऊपर भी जन-सुविधाओं के नाम पर अनाप शनाप कर लगाते हैं। वे जन-सुविधाएँ कहाँ है यदि उन्हें आप उनकी गाड़ी भी कुछ देर खड़ी नहीं करने दे रहे हैं।

यह जो पाँच मिनट की समय सीमा बाँधी गई है यह केवल लाल बुझक्कड़ लेवल के दिमाग ही कर सकते है। क्या उन्होंने खुद इसका ट्रायल स्वयँ पर करके देखा है? यदि हाँ तो वे सामने आकर बताएँ और करके दिखाएँ। आलीशान दफ्तरों में बैठकर तुगलकी आदेश ना पारित करें।

वैसे भी जब तक लाल बुझक्कड़ी दिमाग समस्यओं का हल खोजने में लगे रहेंगे और और उन्हें तुगलकी ताकत मिली रहेगा तब तक इस जनता को चैन नहीं मिलेगा। इन लोगों को इनकी असफलताओं की सजा दी जानी चाहिए ताकि आगे आने वाले इनके शिष्य ऐसी लापरवाही फिर ना करें और जनता का स्वेच्छाचारी शोषण रोका जा सके।

वर्तमान में एक रिसपॉन्सिव सरकार के होते हुए ऐसा सोचा जा सकता है कि सरकार इस पर समुचित निर्णय लेगी और इन तुगलकी बुझक्कड़ों पर लगाम कसेगी।

THE COMPLETE ARTICLE IS AT THE LINK:

http://www.psmalik.com/charcha/242-lal-bujhakkad