दीवाने तेरे हुस्न के मारों में खड़े हैं
दीवाने तेरे हुस्न के मारों में खड़े हैं
तपते हुए पैरों से शरारों में खड़े हैं
तपते हुए पैरों से शरारों में खड़े हैं
तारों से फरोज़ां किये दुल्हन तेरी चूनर
हम डोली उठाए हैं कहारों में खड़े हैं
हम डोली उठाए हैं कहारों में खड़े हैं
तालीम पे इस अह्द में इक आप का हक है
इस मुल्क में हम कब से गंवारों में खड़े हैं
इस मुल्क में हम कब से गंवारों में खड़े हैं
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